Google pe name nahin hai Part 7 andhere ki jang
पूरा इलाक़ा काली खामोशी में डूब गया। स्ट्रीट लाइट्स बुझ चुकी थीं, रेडियो की आवाज़ कट चुकी थी और बच्चों की मासूम आँखों में वही सवाल चमक रहा था — “क्या अब सब ख़त्म हो गया?”
जुनैद ने घबराए हाथों से पुरानी रेडियो मशीन को फिर से घुमाने की कोशिश की, लेकिन EMP की लहर इतनी तगड़ी थी कि उसका छोटा-सा ट्रांसमीटर भी जलकर ख़ामोश हो गया। उसके होंठ सूख गए।
“अब हमारे पास कुछ नहीं बचा,” उसने धीमी आवाज़ में कहा।इहान ने उसकी तरफ़ देखा। उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें ज़रूर थीं, लेकिन आँखों में एक आग थी।
“नहीं जुनैद, हमारे पास सबसे बड़ा हथियार अब भी है — हमारी साँसें, हमारी आवाज़। ये रोशनी बंद कर सकते हैं, लेकिन हमारी चीख़ को नहीं।”
सबा ने बच्चों को एक कोने में बैठाया और धीरे से बोली, “तुम सब याद रखना, डरते नहीं हैं। जो हो रहा है, वो दुनिया को पता चलना चाहिए। अगर ये लोग हमें मिटा देंगे, तो कम-से-कम हमारे आख़िरी लम्हे की गूंज दीवारों में कैद हो जाएगी।”
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इहान ने अपने बैग से एक छोटा-सा टॉर्च निकाला। बैटरी आधी बची थी, लेकिन उसने उसे दीवार की तरफ़ मोड़ दिया। टॉर्च की रोशनी दीवार पर पड़ते ही इहान ने हाथ से “हम डरेंगे नहीं” लिख दिया। बच्चे खामोश होकर उसे देखने लगे और फिर एक-एक कर वही शब्द दोहराने लगे।
बाहर आसमान में तीन ड्रोन मंडरा रहे थे। उनकी लाल बत्तियाँ ऐसे चमक रही थीं जैसे शिकारी अपनी शिकार को आख़िरी बार देख रहा हो। अचानक एक ड्रोन ने नीचे झुककर अपनी मशीनगन तैयार की।
जुनैद ने फुसफुसाया, “हमारे पास बस कुछ सेकंड हैं।”इहान ने उसकी कलाई पकड़ी — “नहीं, हमारे पास एक मौका है।”वो सब तहख़ाने के कोने में पहुँचे जहाँ लोहे का पुराना दरवाज़ा आधा टूटा पड़ा था। इहान ने बच्चों को वहाँ छिपाया और जुनैद से कहा, “तू सर्वर की हार्ड ड्राइव मुझे दे। ये ही उनकी बर्बादी का सबूत है।”
जुनैद ने हार्ड ड्राइव उसकी जैकेट में डाल दी।लेकिन इससे क्या होगा?अगर हम बचे, तो इसे सही जगह पहुँचाएँगे। और अगर नहीं बचे… तो ये हार्ड ड्राइव ही हमारी आवाज़ बनेगी।”
अचानक ड्रोन ने फायर कर दिया। गोलियाँ दीवारों को तोड़ती हुई अंदर तक आ गईं। धूल और चिंगारियाँ फैल गईं। बच्चे चीख उठे, लेकिन सबा ने उन्हें अपनी बाहों में छुपा लिया।इहान ने चीखते हुए कहा, “ये बच्चों का स्कूल है! तुम सोचते हो, इन्हें मारकर तुम जीत जाओगे?”
उसकी आवाज़ इतनी ऊँची थी कि बाहर गूंज गई। शायद आसपास की इमारतों के लोग भी सुन रहे थे।साए की आवाज़ फिर ड्रोन से आई —जीत हार का सवाल नहीं, इहान। सवाल है… कि सच किसके पास रहेगा।”
इहान ने टॉर्च को सीधा ड्रोन की कैमरा-लेंस पर फेंका। रोशनी ने उसकी नज़र को धुंधला कर दिया और उसी पल जुनैद ने बच्चों को पीछे के दरवाज़े से निकालना शुरू कर दिया।
सबा ने इहान की तरफ़ देखा — तुम्हें भी आना होगा।लेकिन इहान वहीं खड़ा रहा।नहीं… अभी नहीं। जब तक ये देख न लें कि हम झुके नहीं, भागे नहीं।”
बाहर ड्रोन और नीचे झुके, जैसे पूरी इमारत को जला डालेंगे। सायरन पास आ रहे थे। और इस अंधेरे में, इहान अपने आख़िरी शब्द बोलने को तैयार था।अगर ये मेरी आख़िरी सांस है, तो दुनिया सुन ले — सच मिटाया नहीं जा सकता चाहे उसे कितने भी साए क्यों न घेर लें।”
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भीड़ में हाहाकार मच चुका था। लोग इधर-उधर भाग रहे थे, मगर जिस दिशा में भी दौड़ते, वहाँ दीवारों पर लगे नए प्रोजेक्टर अपने-आप ऑन हो जाते और साए की परछाई उनका रास्ता रोक लेती। मानो पूरा शहर ही अब उसकी गिरफ्त में आ गया हो।
सबा ने बच्चों को अपनी बाहों में समेटते हुए कहा,
“ये हमें घेर चुका है… ये सिर्फ ड्रोन नहीं, पूरा नेटवर्क है!जुनैद दाँत भींचकर बोला,Ghost Cell… ये वही असली Phase Two है। ड्रोन सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए था, असली हमला इसके डिजिटल जाल से है।”
इतना कहते ही उसके कानों में अजीब-सी गुनगुनाहट भर गई। उसके मोबाइल की टूटी हुई स्क्रीन अचानक नीली रोशनी से चमकने लगी और उस पर खुद-ब-खुद टाइप होता गया—तुम भाग नहीं सकते। तुम्हारा नाम मिटा दिया जाएगा।”
जुनैद का चेहरा पीला पड़ गया। उसने घबराकर मोबाइल फेंक दिया।ये… ये हमारे दिमाग तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है,” उसने काँपती आवाज़ में कहा।
इहान ने कैमरे को कसकर पकड़ा। उसका कैमरा ही अब एकमात्र हथियार था। उसने रिकॉर्डिंग ऑन की और चिल्लाकर कहा,सुनो सब लोग! डरना मत! यही चाहता है ये… कि हम डरकर भागें। लेकिन अगर हम खड़े हो गए, तो इसका खेल यहीं खत्म हो सकता है।”
भीड़ में हलचल हुई। कुछ लोग भागने की बजाय रुक गए। लेकिन तभी ड्रोन ने एक और धमाका किया और छत से चिंगारियाँ गिरने लगीं। चारों तरफ़ धुआँ फैल गया।
उस धुएँ में साए की आवाज़ और तेज़ हो गई तुम्हारा सच मेरी परछाई में डूब जाएगा। जितना बोलोगे, उतना मिटोगे।सबा ने खाँसते हुए इहान का हाथ पकड़ा,अगर इस धुएँ में हम रहे तो सब बेहोश हो जाएँगे। हमें स्कूल की बेसमेंट में उतरना होगा।”
बच्चों को लेकर वो सब नीचे की तरफ़ भागे। लेकिन सीढ़ियों के बीच में लगे स्पीकर अपने-आप ऑन हो गए और उसी से साए की आवाज़ गूँजी—“Phase Two… यानी पिंजरा। अब कोई बाहर नहीं जाएगा।”
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जुनैद ने दाँत भींचते हुए कहा,
ये हमें यहाँ कैद करना चाहता है। ये नेटवर्क बेसमेंट तक फैला हुआ है।”इहान ने गहरी साँस ली और कैमरे की लाइट ऑन कर दी।अगर ये हमें अंधेरे में बंद करना चाहता है, तो हमें अपनी रोशनी और तेज़ करनी होगी।”
कैमरे की हल्की-सी रोशनी बच्चों के चेहरे पर पड़ी। वे रोना बंद करके चुपचाप उसकी ओर देखने लगे। सबा ने धीमे से कहा,देखा? जब रोशनी आती है, तो डर भाग जाता है।”
भीड़ के बीच उम्मीद की हल्की चिंगारी जागी। लोग इकट्ठा होने लगे। मगर तभी ड्रोन ने ज़ोर से गड़गड़ाहट की और उसकी स्क्रीन पर लिखा आया “Phase Three: Termination. इहान का दिल तेज़ धड़कने लगा।
“मतलब… अभी सबसे बड़ा हमला बाकी है।”
जुनैद ने सिर उठाकर कहा, अगर Phase Two ने हमें कैद किया है, तो Phase Three हमें हमेशा के लिए मिटाने के लिए है।सबा ने बच्चों को सीने से और कसकर लगाया।
“हमें इससे पहले कोई रास्ता खोजना होगा। वरना ये जगह क़ब्रिस्तान बन जाएगी।”
और तभी अचानक स्कूल के बेसमेंट की दीवार पर हल्की-सी दरार पड़ी और वहाँ से नीली चमक बाहर निकली।इहान की आँखें फैल गईं—ये… ये शायद बाहर जाने का रास्ता है। लेकिन ये वही जगह भी हो सकती है जहाँ से साया अपनी ताक़त खींच रहा है।भीड़ ने एक-दूसरे की ओर देखा।
क्या वो दरार उनकी मुक्ति थी—या नई कैद?
दरार का राज़
बेसमेंट की दीवार पर उभरी उस दरार से आती नीली चमक ने सबको स्तब्ध कर दिया। भीड़ सिसकना भूलकर अब उस रौशनी को देखने लगी, जैसे वहाँ से कोई उम्मीद की किरण फूट रही हो। लेकिन जुनैद की आँखें सिकुड़ गईं, उसकी आवाज़ डर और गुस्से के बीच काँप रही थी—
“ये रोशनी… साधारण नहीं है। यही तो उसका असली जाल है। साया हमारे डर से नहीं, इस ऊर्जा से ताक़त ले रहा है।सबा ने बच्चों को पीछे धकेलते हुए कहा,
“तो क्या हमें इस दरार से दूर रहना चाहिए?इहान, जिसने कैमरा अब भी मजबूती से पकड़ा हुआ था, कुछ कदम आगे बढ़ा। उसकी आवाज़ में दृढ़ता थी—या फिर यही दरार उसका राज़ है। अगर हमने इसे समझ लिया, तो साए को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।”
जैसे ही इहान पास गया, दरार और चौड़ी होने लगी। नीली चमक अब एक धड़कते दिल जैसी लग रही थी—हर कुछ सेकंड बाद रोशनी फैलती और फिर सिमट जाती। पूरा बेसमेंट अजीब कंपन से गूंजने लगा।
अचानक, दीवार पर बने निशान उभर आए। ये वही निशान थे जिन्हें इहान ने पहले तहखाने में देखा था—त्रिकोण, वृत्त और रहस्यमयी लकीरें। सबा ने काँपते हुए कहा,ये तो किसी नक़्शे जैसा है… लेकिन ये हमें कहाँ ले जाएगा?”
भीड़ में से किसी ने चीखकर कहा,ये जाल है! अगर हम इसमें गए, तो कभी लौटकर नहीं आएँगे।साए की हँसी फिर गूँज उठी। इस बार आवाज़ दीवार की दरार से ही आ रही थी, मानो वो खुद वहीं छिपा हो।तुम लोग सच की तलाश में आए थे… और अब उसी सच की आग में जलोगे। Phase Three यहीं से शुरू होता है।
अचानक नीली रोशनी ने पूरे बेसमेंट को ढँक लिया। मोबाइल, कैमरा, यहाँ तक कि जनरेटर तक सब बंद हो गए। सिर्फ इहान का कैमरा धीमे-धीमे झिलमिला रहा था, जैसे उस रोशनी से लड़ने की कोशिश कर रहा हो।जुनैद घबराकर बोला,
ये दरार… ये कोई दरवाज़ा है! ये हमें दूसरी तरफ ले जाएगा। लेकिन सवाल ये है—कहाँ?इहान ने एक गहरी साँस ली। उसकी आवाज़ में डर तो था, लेकिन उससे कहीं ज्यादा हिम्मत जहाँ भी ले जाएगा… वहीं हमें साए का सच मिलेगा। और अगर हमें मिटना भी पड़ा, तो कम से कम ये दुनिया जान जाएगी कि वो कौन है।”
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सबा की आँखें भर आईं। उसने बच्चों की तरफ देखा, फिर इहान की तरफ़, और धीमे से कहा,अगर तुम जा रहे हो, तो मैं भी साथ चलूँगी। डर को यहीं छोड़कर जाना होगा।”
भीड़ में सन्नाटा छा गया। कुछ पीछे हट गए, लेकिन कुछ ने कदम आगे बढ़ा दिए।इसी बीच, दरार से एक तेज़ धमाका हुआ और पूरा बेसमेंट हिल गया। दीवार पर उभरते निशान अब जलती हुई लकीरों में बदल गए थे। ऐसा लग रहा था मानो किसी ने दरवाज़ा पूरी तरह खोल दिया हो।
इहान ने कैमरा उठाया और दरार की तरफ बढ़ते हुए कहा,Phase Three शुरू हो चुका है। अब या तो ये हमारा आख़िरी सफ़र होगा… या हमारी सबसे बड़ी जीत।भीड़ ने एक पल को साँस रोकी।और अगले ही पल, दरार से आने वाली नीली रोशनी सबको अपने भीतर खींचने लगी—
परछाइयों की दुनिया
जैसे ही नीली रोशनी ने सबको अपनी तरफ खींचा, भीड़ चीख उठी। बच्चों की आवाज़ें और बड़ों की दहशत मिलकर एक अजीब-सा शोर बना रही थीं। कुछ ने दरार को पकड़कर रोकने की कोशिश की, मगर उनके हाथ मानो खाली हवा में फँस गए। अगले ही पल सब अंधेरे में डूब गए।
इहान ने कैमरे को कसकर पकड़ा हुआ था। उसकी स्क्रीन झिलमिला रही थी, लेकिन बंद नहीं हुई। उसी रोशनी में उसने देखा कि वो अब बेसमेंट में नहीं था। चारों तरफ़ धुंधली नीली रौशनी और काले साये घूम रहे थे। ज़मीन नहीं दिख रही थी—मानो सब हवा में लटक रहे हों।
सबा ने घबराकर बच्चों को अपनी छाती से चिपका लिया।ये जगह… ये क्या है?” उसकी आवाज़ काँप रही थी।जुनैद ने चारों तरफ़ देखा और धीरे से कहाये असली Ghost Cell है। ये उसकी बनाई दुनिया है, जहाँ हक़ीक़त और झूठ में फर्क मिट जाता है।”
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अचानक, चारों तरफ़ स्क्रीन जैसी परछाइयाँ उभर आईं। उनमें वही चेहरे थे जो ग़ायब हो चुके थे—वो लोग जिनका नाम इंटरनेट से मिटा दिया गया था। उनकी आँखें खाली थीं, होंठ हिल रहे थे लेकिन आवाज़ नहीं निकल रही थी।
भीड़ में दहशत फैल गई। एक औरत चीखकर बोली,वो मेरा भाई है! उसे छोड़ दो!लेकिन जैसे ही उसने उस स्क्रीन की ओर हाथ बढ़ाया, परछाई ने उसे अपनी ओर खींच लिया। औरत की चीख अंधेरे में गुम हो गई। अब उसकी जगह भी स्क्रीन पर एक नया चेहरा जुड़ गया था—खाली आँखों वाला, आवाज़ से रहित।सबा काँपते हुए पीछे हट गई।
“ये… ये इंसानों को निगल रहा है। उन्हें अपनी दुनिया का हिस्सा बना रहा है।इहान ने कैमरा स्क्रीन की ओर घुमाया और गुस्से में चिल्लाया,साया! सामने आ! ये तुम्हारा सच है? लोगों को मिटाकर अपनी ताक़त बढ़ाना?”तभी हवा में गूँजती वही ठंडी हँसी सुनाई दी।
“तुमने सच माँगा था, इहान… तो देख लो, ये ही सच है। जो मेरी राह में आएगा, उसका नाम और उसकी पहचान यहीं दफ़न हो जाएगी।भीड़ काँपने लगी। कुछ लोग भागने के लिए पीछे हटे, लेकिन पीछे सिर्फ़ काला अंधेरा था—वहाँ कोई रास्ता नहीं था।
जुनैद ने दाँत भींचे और इहान के पास आकर कहा,अगर हमें इस दुनिया से बाहर निकलना है, तो हमें इसका सोर्स ढूँढना होगा। हर नेटवर्क का एक सेंटर होता है… और ये साया भी उसी पर टिकेगा।”
इहान ने सिर हिलाया।तो हमें उसे ढूँढना होगा, चाहे वो कितना भी छिपा हो।”
लेकिन तभी, सामने की स्क्रीन पर अचानक इहान का चेहरा उभर आया। वही कैमरा पकड़े, वही आँखें—बस फर्क इतना था कि वो चेहरा मुस्कुरा रहा था।सबा ने हैरान होकर कहा,“ये… ये तुम हो?”
इहान ने ठंडी साँस ली और धीरे से फुसफुसाया,नहीं… ये मेरा दूसरा रूप है। साया हमें हमारे ही खिलाफ़ खड़ा कर रहा है।भीड़ पीछे हट गई। अब असली इहान और उसका नकली रूप आमने-सामने थे।नकली इहान मुस्कुराते हुए बोला,
“Phase Three का मतलब समझे? अब तुम्हें अपने ही सच से लड़ना होगा।”