43 gayab hote logon ki kahani part 7
43 gayab hote logon ki kahani part 7 लौटे हुए चेहरे, खोया हुआ वजूद दीवार पर उभरे वो शब्द — “शून्य अब शून्य नहीं रहा” — मानो आख़िरी फैसला सुना गए हों। कमरा काँपना बंद हुआ तो चारों ओर अजीब सा सन्नाटा छा गया। मगर वो सन्नाटा खाली नहीं था… उसमें सैकड़ों सांसों की सरगोशियाँ … Read more